कूलिंग टॉवर में उपयोग होने वाले रासायनिक पदार्थ
कूलिंग टॉवर, औद्योगिक प्रक्रियाओं और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण उपकरण हैं, जो ऊष्मा को वायुमंडल में छोड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इन टॉवरों में, गर्म जल को ठंडा करने के लिए कई प्रकार के रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है। ये रासायनिक पदार्थ न केवल पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करते हैं, बल्कि टॉवर की कार्यक्षमता को भी बढ़ाते हैं। इस लेख में, हम उन प्रमुख रासायनिक पदार्थों के बारे में चर्चा करेंगे, जो कूलिंग टॉवर्स में सामान्यत इस्तेमाल होते हैं।
1. एंटी-स्केलिंग रसायन
कूलिंग टॉवर्स में सबसे पहले एंटी-स्केलिंग रसायनों का उपयोग किया जाता है। ये रसायन पानी में उपस्थित खनिजों जैसे कैल्शियम और मैग्नीशियम के जमाव को रोकने में मदद करते हैं। जब पानी ठंडा होता है, तो इन खनिजों की सांद्रता बढ़ जाती है, और यह स्केल के रूप में टॉवर के उपकरणों पर जमा होने लगते हैं। एंटी-स्केलिंग रसायनों, जैसे कि पॉलिफॉस्फेट्स और फेरोफॉस्फेट्स का उपयोग, स्केल निर्माण को प्रभावी ढंग से रोकता है।
2. बायो-साइड्स
कूलिंग टॉवर्स में जैविक संचय भी एक बड़ी समस्या है, जिसमें जल में मौजूद बैक्टीरिया और अल्गी तेजी से वृद्धि करते हैं। इसके लिए बायो-साइड्स, जैसे क्लोरीन, ब्रोमिन या क्वाटरनरी अमोनियम यौगिकों का उपयोग किया जाता है। ये रसायन सूक्ष्मजीवों का विकास रोकते हैं, जिससे टॉवर की दक्षता बनी रहती है और जल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
धातुओं के जंग लगने की समस्या को रोकने के लिए कोरोरोसियन inhibitors का उपयोग किया जाता है। ये रसायन धातुओं की सतह पर एक सुरक्षा परत बनाते हैं, जिससे जंग लगाने वाले रासायनिक प्रक्रियाओं को रोकने में मदद होती है। आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले कोरोरोसियन inhibitors में सर्कोनीयम और फॉस्फेट्स शामिल हैं। इनका प्रयोग कूलिंग टॉवर के जीवनकाल को बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
4. पिस्कलर्स
कूलिंग टॉवर्स में पानी की ओवरफ्लो और रिसाव के कारण पानी की खपत पर नियंत्रण रखने के लिए पिस्कलर्स (जैसे सोडियम ऑक्साइड) का प्रयोग किया जाता है। ये रसायन पानी के मिलाब और स्थिरता को संभालते हैं, जिससे टॉवर की कार्यशीलता में सुधार होता है।
5. डिस्फेक्टेंट्स
जल को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के लिए डिस्फेक्टेंट्स का उपयोग किया जाता है। ये रसायन पानी में अवांछनीय तत्वों को समाप्त करते हैं और बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। क्लोरीन और ओजोन जैसे डिस्फेक्टेंट्स व्यापक रूप से कूलिंग टॉवर्स में इस्तेमाल होते हैं।
निष्कर्ष
कूलिंग टॉवर्स में उपयोग किए जाने वाले रासायनिक पदार्थों की सही पहचान और उनका सही अनुप्रयोग उन सभी प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो औद्योगिक वातावरण में गर्मी के प्रबंधन से संबंधित होती हैं। इन रसायनों के सही नियंत्रण से न केवल जल की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि ऊर्जा की खपत को भी कम किया जा सकता है। इस प्रकार, कूलिंग टॉवर्स के कार्यात्मक और कुशल संचालन के लिए इन रासायनिक पदार्थों की महत्वता को नकारा नहीं किया जा सकता है। किसी भी औद्योगिक प्रक्रिया में कूलिंग टॉवर्स का सही रखरखाव और रसायनों का प्रभावी उपयोग अत्यंत आवश्यक है।